खुद के भवन के इंतेजार मे भदोही जिले के कई विभाग के कार्यालय
30 जुन 1994 को वाराणसी
से कटकर भदोही जिले के निर्माण हुआ था लेकिन जहाँ जिले के अधिकतर विभाग जिला मुख्यालय
से संचालित हो रहे है लेकिन कुछ विभाग आज भी किराये के भवन मे चल रहे है
जिससे राजस्व का नुकसान होता है और फरियादीयों को पहुचन मे मे समस्या होती है भदोही जिले में ऐसे कई
कार्यालय पिछले तीस सालों से किराये के मकानों और कई ऐसे भी
कार्यालय है जो एक कमरे में चल रहे है इसकी बानगी चार अगस्त को तब सामने खुल कर आ
गई की आखिरकार अधिकारी अपने कार्यालय को जिला मुख्यालय में क्यों नहीं ले जाना
चाहते। हम बात कर रहे है जिले के ग्रामोद्योग विभाग की जहाँ कौशल सुधार प्रशिक्षण
कार्यक्रम के लिए भारी भीड़ देखी गई वहां एक किराये के मकान में सैकड़ों की संख्या
में पहुंचे चयन और साक्षात्कार होना था। चयन समिति में शामिल होने जवाहर लाल ने
बताया की कई सौ लोग आवेदन करने आये थे जिसमे से 175 का चयन किया गया है। उन्होंने
भी माना की जगह छोटी है इसलिए कई महिला पुरुष बाहर खड़े है।
यहाँ आये कई
लोगों का कहना था की दर असल यहाँ जिला ग्रामोद्योग विभाग पर जिला प्रशासन की नज़र
नहीं पड़ती ज्ञानपुर की प्रोफ़ेसर कालोनी के एक किराये के मकान में सरकार का करोड़ों
रुपया बर्बाद करने के पीछे विभाग के लोगों का एक बड़ा खेल सामने आया है। यहाँ
कार्यालय ही बारह बजे खुलता है और तो और जिला ग्रामोद्योग अधिकारी समेत विभाग की
कुर्सी दिन भर खाली रहती है। विभाग के ही एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने नाम ना
बताने की शर्त पर बताया की आधे से अधिक कर्मचारी एक हफ्ते में एक बार आकर
हस्ताक्षर कर देते है और चल देते है।
वही जिला
ग्रामोद्योग अधिकारी अमितेष कुमार सिंह ने बताया की जिला प्रशासन से कार्यालय
मुख्यालय पर किये जाने की बात कही गई थी लेकिन वहां कोई ऐसा स्थान या सरकारी भवन
नहीं है जिसे वहां इसे स्थानांतरित किया जा सके उन्होंने बताया की एक बड़े किराये
के भवन की तलाश पूरी हो गई है इसके लिए लखनऊ मुख्यालय से मंज़ूरी भी मिल चुकी है
केवल जिला अधिकारी से NOC
यानि नो
ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लिया जाना बाकि है। जिससे की जल्द से जल्द 15 अगस्त से पूर्व इस कार्यालय को इस छोटी जगह
से शिफ्ट कर कौशल विकास का प्रशिक्षण एक बड़े स्थान पर 175 चयनित को दिया जा सके। हालाँकि ग्रामोद्योग विभाग से काम काज करने वालों ने जिला अधिकारी गौरांग राठी से
मांग करते हुए कहा है की जिला ग्रामोद्योग विभाग को जिला मुख्यालय के सरकारी भवन
में होने से उत्तर प्रदेश सरकार का करोड़ों रुपया बचाया जा सकता है तो वही विभाग
में हफ्ता -हफ्ता भर तक गायब रहने वाले आला अधिकारी समेत सभी कर्मचारी कार्यालय
में समय से पहुंच कर दिन भर बैठेंगे। जिससे आम लोगों को कई कई किलोमीटर से आकर दिन
भर बैठना नहीं पडेगा।